फेफड़ों का कैंसर होता है जानलेवा, जानें इसके लक्षण और बचने के उपाय

फेफड़ों का कैंसर होता है जानलेवा, जानें इसके लक्षण और बचने के उपाय

सेहतराग टीम

फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में मौत का एक सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ज्यादातर मामलों में फेफड़ों के कैंसर का कारण सिगरेट पीना ही होता है, जिसके कारण कई लोग फेफड़ों के कैंसर का शिकार हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें ये देखा गया है कि जो लोग सिगरेट या धूम्रपान नहीं करते उन्हें भी फेफड़ों का कैंसर का शिकार होना पड़ा है।

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ये तो आप सभी जानते होंगे कि कैंसर कितना खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फेफड़ों का कैंसर धीरे-धीरे पीड़ित को खत्म करने का काम करता है, इसलिए फेफड़ों के कैंसर को 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है। इसको शुरुआती दौर में पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से कैंसर एक गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। लेकिन अगर शुरुआती दौर में फेफड़ों के कैंसर को पकड़ा जाए तो इससे पीड़ित को ठीक किया जा सकता है। हम आपको इस लेख के जरिए बताते हैं कि आप कैसे फेफड़ों के कैंसर को पहचान सकते हैं और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं। 

फेफड़ों के कैंसर का कारण

फेफड़े का कैंसर किसी को भी हो सकता है, लेकिन 90 फीसदी फेफड़े के कैंसर के मामले धूम्रपान एक बड़ी वजह के रूप में देखा गया है। धूम्रपान करने से वह आपके फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। फिर जब कोशिकाएं खराब हो जाती है, तो वो खराब तरीके से ही काम करना शुरू कर देते हैं, जिससे फेफड़ों के कैंसर के विकास की संभावना बढ़ जाती है। जब आप धूम्रपान करना बंद कर देते हैं, तो इससे फफड़ों के कैंसर का खतरा भी कम होने लगता है।

फेफड़ों के कैंसर का लक्षण

  • सिर दर्द।
  • थकान।
  • लगातार खांसी आना।
  • खांसी के साथ खून आना।
  • अचानक छाती में दर्द होना।
  • सांस लेने में दिक्कत।
  • चेहरे और गर्दन में सूजन।
  • बोलने में दिक्कत।
  • धुंधला दिखना।

फेफड़ों के कैंसर का खतरा

फेफड़ों के कैंसर(Lung Cancer) के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक धूम्रपान है। जिसमें सिगरेट और सिगार शामिल हैं। तंबाकू उत्पादों में हजारों नुकसानदायक पदार्थ होते हैं। सीडीसी(CDC) के मुताबिक, धूम्रपान करने वालों को नॉनस्मोकर्स की तुलना में फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना 15 से 30 गुना ज्यादा है। जितना अधिक आप धूम्रपान करेंगे, फेफड़े के कैंसर के विकास की संभावना उतनी ही ज्यादा होती रहेगी। वहीं, अगर आप धूम्रपान का सेवन करना कम करते हैं या फिर इसे छोड़ते हैं तो इससे आपके फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी कम होता है। इसके साथ ही अगर आपके परिवार के इतिहास में किसी को कैंसर था तो वो आपको भी हो सकता है और फेफड़े के कैंसर का व्यक्तिगत इतिहास, खासकर अगर आप धूम्रपान करने वाले हैं।

फेफड़ों के कैंसर वाले लोगों के लिए आहार

फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए कोई विशेष आहार नहीं है। लेकिन आपके शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों को प्राप्त करना बहुत जरूरी है। अगर आपको कुछ विटामिन या खनिजों की कमी है, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, बिना डॉक्टर की सलाह के आपको डाइट नहीं लेनी चाहिए ये आपके उपचार में और आपके स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। 

  • भूख लगने पर तुरंत कुछ खाएं।
  • कोई बड़ी भूख नहीं है, तो पूरे दिन कुछ न कुछ खाने की कोशिश करें।
  • अगर आपको वजन बढ़ाने की जरूरत है, तो कम चीनी, उच्च कैलोरी खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थ ले सकते हैं।
  • अपने पाचन तंत्र को शांत करने के लिए पुदीने और अदरक की चाय का सेवन करना चाहिए।
  • कब्ज की समस्या होने पर आपको ज्यादा फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।

 

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